Shahitya Sampada

Friday, January 15, 2010

मूल राजस्थानी (शिवराज भारतीय ) हिंदी अनुवाद - राजेश्वरी पारीक "मीना"

रंग- रंगीला अपना देश
अजब -निराला अपना देश |
मस्तक मुकुट हिमालय सोहे
सागर इसके चरण धोये
ताल-तलैया धोरे- पर्वत
रूप सुहाना मन को मोहे |
सींचे नदियाँ सारा देश
हरा-भरा मतवाला देश |

हर
दिन उत्सव यहां
मनाते
रीत
रिवाजे यहां निभाते
होली और गणगौर पर्व पर
हिल -मिल गीत प्रीत के गाते |
पहने रंग- रंगीले वेश
अजब- निराला अपना देश |

दीयों
का त्यौहार दिवाली
धूम -धड़ाके लेकर आती
भाईचारे -प्रेम की बातें
हमको
मीठी ईद सिखाती |
नाचे- गाये मौज मनाएँ
वैशाखी देती संदेश |

आजादी
का दिन जब आता
बलिदानों की याद
दिलाता
देश के हित में मर मिटने का
सब बच्चो को पाठ पढाता |
झंडा फ़हरे पुरे देश
छैल -छबीला अपना देश |

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